सोना स्थिर, तेल की आपूर्ति पर नजर
भू-राजनीतिक जोखिम
- बुधवार को एशियाई कारोबार में सोने की कीमतें स्थिर रहीं, क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर संबंधी निर्णय से पहले सतर्कता बरत रहे थे।
- इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षित आश्रय वाली परिसंपत्तियों की मांग बढ़ गई है, तथा ऐसी रिपोर्टें भी आई हैं कि इसमें प्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप की संभावना है।
- रॉयटर्स ने बताया कि अमेरिकी सेना मध्य पूर्व में और अधिक लड़ाकू विमान तैनात कर रही है और अन्य की तैनाती बढ़ा रही है। हालांकि पेंटागन ने इस कदम को रक्षात्मक बताया, लेकिन इससे अमेरिका के बढ़ते कदम की चिंता बढ़ गई है।
केंद्रीय बैंक की नीतियां
- उम्मीद है कि फेड वर्तमान ब्याज दरों को बरकरार रखेगा, लेकिन बाजार अद्यतन आर्थिक अनुमानों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
- अमेरिका में खुदरा बिक्री के कमजोर आंकड़ों (मई में -0.9%) ने इस वर्ष के अंत में संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों को मजबूत किया है।
- यू.के. में, मई में मुद्रास्फीति में थोड़ी कमी आई (3.4% बनाम पहले 3.5%), लेकिन बैंक ऑफ इंग्लैंड के 2% लक्ष्य से काफी ऊपर रही। उम्मीद है कि BoE अपनी गुरुवार की बैठक में दरें स्थिर रखेगा।
कमोडिटीज एवं मुद्रा की चाल
- कच्चे तेल के भंडार में लगभग 10.1 मिलियन बैरल की गिरावट आई, जबकि अनुमान 600,000 बैरल की गिरावट का था।
- गैसोलीन स्टॉक में 202,000 बैरल की गिरावट आई, जबकि डिस्टिलेट स्टॉक में 318,000 बैरल की वृद्धि हुई।
- जोखिम भावना के शांत रहने के कारण एशियाई मुद्राओं में मामूली गिरावट आई, जबकि फेड बैठक से पहले डॉलर में मामूली गिरावट आई।
- वर्तमान भू-राजनीतिक अस्थिरता और तेल आपूर्ति में कमी की आशंकाएं तेल की कीमतों को और अधिक समर्थन दे सकती हैं।
निष्कर्ष:
दुनिया भर में फेडरल रिजर्व और मध्य पूर्व दोनों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है, ऐसे में बाजार भू-राजनीतिक अनिश्चितता और बदलते आर्थिक संकेतों के जटिल मिश्रण से जूझ रहे हैं। आने वाले दिनों में सुरक्षित-पनाहगाह की मांग, नीतिगत स्पष्टता और ऊर्जा आपूर्ति प्रमुख चालक बने रहेंगे।